बच्चों का पढ़ाई में दिमाग तेज कैसे करें - इन तीन बातों का ध्यान रखें । बच्चे जिंदगी के हर क्षेत्र में No. 1 होंगे

बच्चों का पढ़ाई में दिमाग तेज कैसे करें - इन तीन बातों का ध्यान रखें । बच्चे जिंदगी के हर क्षेत्र में No. 1 होंगे ।  Padhai Me Baccho Ka Dimag Tej Kaise Kare

 

बच्चों का पढ़ाई में दिमाग तेज कैसे करें - इन तीन बातों का ध्यान रखें । बच्चे जिंदगी के हर क्षेत्र में No. 1 होंगे ।  Padhai Me Baccho Ka Dimag Tej Kaise Kare

 

बच्चों का पढ़ाई में दिमाग तेज कैसे करें ?

सभी माता-पिता चाहते हैं उनके बच्चे पढ़ाई लिखाई में तेज हो वह जिंदगी के हर फील्ड में आगे बढ़े उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का समझ हो बच्चे स्मार्ट बने । लेकिन सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं कुछ बच्चे ज्यादा तेज होते हैं । कुछ थोड़े धीमे होते हैं कुछ बच्चे एवरेज होते हैं यह जिंदगी की सच्चाई है । लेकिन सभी माता-पिता यही चाहते हैं कि उनके बच्चे दूसरे बच्चों की तरह खेले, कूदे, पढ़ाई लिखाई में तेज हो । 

बच्चे अच्छे अंग्रेजी बोले सभी सवालों का सही से जवाब दे पाए ऐसा हर माता-पिता चाहते हैं । इसके लिए हर माता पिता अपने बच्चों के सेहत से जुड़ी हर चीजों का ख्याल रखते हैं उनके खानपान को सही करते हैं उन्हें अच्छी डाइट देते हैं । जिससे से बच्चों का दिमाग तेज हो लेकिन फिर भी सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते।

ऐसा क्यों ? । इसका जवाब है बच्चे भविष्य में क्या करेंगे और क्या बनेंगे यह तीन चीजों से तय होता है । परिवार, स्कूल, समाज अगर इन तीन चीजों पर सही से ध्यान दिया जाए तो आपके बच्चे बहुत ही ज्यादा स्मार्ट होंगे । और पढ़ाई लिखाई में बहुत ही आगे बढ़ेंगे और जिंदगी की सभी सफलताओं को प्राप्त करेंगे । तो इसके लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें । ( Padhai Me Baccho Ka Dimag Tej Kaise Kare )
 
आज यहां हम आपको बच्चों की सही परवरिश से जुड़ी कुछ बातों को बताएंगे जिसको आप अपनी जिंदगी में अपनाएंगे तो आपके बच्चे काफी ज्यादा पढ़ाई लिखाई में तेज होंगे और जिंदगी के हर फील्ड में आगे बढ़ेंगे । आइए जानते हैं बच्चों के दिमाग को तेज कैसे करें ? Padhai Me Baccho Ka Dimag Tej Kaise Kare

हर माता पिता के बच्चों का भविष्य 3 चीजों से तय होता है ।--

1. परिवार  2. स्कूल  3. समाज 


 

1. परिवार

 
 
परिवार : बच्चों की आधी जिंदगी परिवार से तय होती है बच्चे भविष्य में क्या करेंगे उनका व्यवहार कैसा होगा । इसकी शुरुआत बच्चों के 3 साल के उम्र से तय होनी शुरू हो जाती है। क्योंकि बच्चों के प्रथम गुरु परिवार के लोग होते हैं बच्चों को अपने माता पिता तथा परिवार के अन्य लोगों से शिक्षा प्राप्त होती है । एक बात आपको समझना होगा बच्चे वह नहीं करते जो हम कहते हैं बच्चे वही करते हैं जो हम करते हैं ।

बच्चों के सामने अच्छे से पेश आएं : -


बड़ों को बच्चों के सामने अच्छे से व्यवहार करना चाहिए। क्योंकि कई बार ऐसा होता है हम जो कहते हैं बच्चे वह नहीं करते हैं हम जो करते हैं बच्चे वही करते हैं । आजकल के बच्चे इतने ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं । वह हमारी बातों को नहीं मानते बल्कि हम जो करते हैं वह उन्हें गौर से देखते हैं और हमारे व्यवहार से सीखते हैं और वही करते हैं । इसलिए बच्चों के सामने हमेशा पॉजिटिव रहे सही बोले और अपनी जिम्मेदारी सही से पूरा करें । बच्चे हमेशा अपने माता-पिता की नकल करते हैं । इसलिए जैसा व्यवहार आप करेंगे । या घर के माहौल आप जैसा बना कर रखेंगे । बच्चो का व्यवहार वैसा ही होगा ।

बच्चों से घर के छोटे-मोटे काम कराए :-


बच्चों से उनके जो छोटे-मोटे काम है उनसे शुरू से ही कराना सिखाएं । जैसे बच्चे जब 3 साल के हो जाते हैं तो स्कूल से आते वक्त वो अपना स्कूल बैग घर पर सही जगह पर रखें । यही कहीं इधर-उधर ना रखें । इसके अलावा अपने टाई बेल्ट जूते मोजे निकालकर सही जगह रखें । ऐसे छोटे-मोटे काम जो बच्चों से जुड़े हैं वह बच्चों से कराएं । क्योंकि अगर सारे काम आप खुद करेंगे तो बच्चे आप पर डिपेंड हो जाएंगे । वह खुद से अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझेंगे । 
 
इसलिए बच्चों को छोटी उम्र से ही उनके छोटे-मोटे काम को खुद करने को सिखाएं। इससे आपके बच्चे आत्मनिर्भर होंगे जिम्मेदार बनेंगे जैसे जैसे वह बड़े होंगे उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा । और अपना काम वो खुद करेंगे । वह किसी पर डिपेंड नहीं होंगे जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा । और जिंदगी के हर क्षेत्र में वह खुद से आगे बढ़ेंगे उन्हें कभी नेगेटिव फील नहीं होगा । उन्हें खुद पर भरोसा होगा कि वह खुद से अपनी जिम्मेदारियों को पूरी करते हैं । और वह सभी कार्य को पूरा कर पाएंगे ।


बच्चों की हरकतों पर नजर रखें :-


बच्चों को सही ज्ञान देने के साथ साथ उनके हरकतों पर नजर रखना माता पिता के लिए बहुत जरुरी होता है । क्योंकि समाज में अच्छा बुरा सब कुछ होता है बच्चे सब कुछ सीखते हैं । इसीलिए माता पिता को अपने बच्चों के व्यवहार पर नजर रखने चाहिए । वह क्या करते हैं कहां जाते हैं किससे मिलते हैं क्या पढ़ाई लिखाई करते हैं यहां तक की स्मार्टफोन में क्या देख रहे हैं । इन सभी चीजों पर माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए । इससे बच्चों के गलत हरकत का पता कर  पाएंगे और उसे दूर कर पाएंगे । जिससे बच्चे अच्छा संस्कार सीखेंगे। और गलत चीजों से दूर रहेंगे और उनका भविष्य अच्छा होगा ।


स्मार्टफोन से थोड़ी दूरी बनाए :-


आजकल स्मार्टफोन कर चलते जी से बढ़ चुका है ।आजकल सभी के पास स्मार्टफोन चुका है यहां तक कि स्मार्टफोन से पढ़ाई लिखाई भी हो रही है । ज्यादातर ऑनलाइन क्लासेस स्मार्ट फोन या लैपटॉप के जरिए होते हैं इंटरनेट और स्मार्टफोन के वजह से हमारी जिंदगी बदल चुकी है । लेकिन हम कहीं भी हो वहां अच्छाई और बुराई दोनों ही होते हैं । अगर इंटरनेट पर कुछ अच्छी चीज है तो कुछ बुरी चीजे भी होती है । 
 
जिनका ध्यान माता पिता को रखना पड़ता है बच्चे स्मार्टफोन पर क्या देख रहे हैं क्या कर रहे हैं । इस पर नजर माता पिता को रखना चाहिए । शायद हर माता-पिता को यह बात ना पता हो कि बच्चे स्मार्टफोन से जितनी जल्दी सीखते हैं । उतनी ही ज्यादा गलत चीजों से बिगड़ते भी हैं । एक और बात बच्चों को स्मार्टफोन पर गेम खेलने से या कार्टून देखने से बचाएं । क्योंकि इनसे उनका दिमाग कंट्रोल हो जाता है 
 
वह अपना सारा फोकस स्मार्टफोन पर रखते हैं । इससे कुछ नया वह नहीं सीख पाते हैं । इसलिए बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ खेलने दे समय बिताने दे स्मार्टफोन पर बिजी ना रखें । स्मार्टफोन से हमारी आंखों को भी बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है।  इसके अलावा एक स्मार्टफोन में इंटरनेट के माध्यम से बहुत सारी गलत जानकारी भी बच्चों को प्राप्त हो सकती हैं । इसलिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल करने के दौरान अपने बच्चों पर हमेशा नजर बनाए रखें ।

बच्चों के आसपास पढ़ाई लिखाई का माहौल बनाएं :-


बच्चों को पढ़ाई लिखाई में तेज बनाने के लिए सबसे आसान उपाय हैं । उनके माहौल को इस प्रकार से बनाए जैसे कि बच्चे कुछ भी कर रहे हो वहां पर पढ़ाई लिखाई शामिल हो जैसे कि अगर आप बच्चे को कुछ याद कराना चाहते हो तो आप उनसे सवाल करें । उनसे किसी क्वेश्चन का आंसर पूछे जिन्हें उन्हें याद हो और आपको याद ना हो ऐसा रिएक्ट करें उनके सामने । 
 
जिससे बच्चे आपको आंसर देंगे और उनके याद करने का क्षमता बढ़ेगा । बच्चे जो स्कूल से पढ़कर आते हैं होमवर्क पूरा कराने के बाद उन्हीं होमवर्क को घर के अन्य कामकाज के दौरान बच्चों से सवाल करते रहें । खेलते-कूदते, मस्ती करते समय उनसे थोड़े थोड़े समय पर पढ़ाई लिखाई से जुड़ी सवालों को करते रहें । इससे बच्चे आपको उसका सही से जवाब देंगे और उन्हें अपना पढ़ाई लिखाई अच्छे से याद रहेगा ।

बच्चे से सवाल करें : - 

 
बच्चों के याददाश्त तेज करने का एकमात्र सरल उपाय है बच्चे स्कूल से पढ़कर जब भी आते हैं तो होमवर्क पूरा करने के बाद उनसे स्कूल से जुड़े सवाल करें । बच्चों ने आज स्कूल में क्या पढ़ाई किया कितनी सारी मस्ती की, टीचर ने क्या कहा ऐसे सवाल बच्चों से पूछे ।  इसके अलावा बच्चे घर के आस-पास दूसरे बच्चों के साथ क्या खेल रहे थे क्या क्या किया । ऐसे सवाल उनसे जरूर पूछें जिससे वह पिछली बातों को याद करेंगे । और आपको आंसर देंगे जिससे उनका याद करने का क्षमता बढ़ेगा।
 

बच्चों को सही गलत का फर्क समझाएं : -


बच्चों को 3 साल की उम्र से ही सही गलत का फर्क समझाएं उन्हें बताएं कौन सी बातें अच्छी है कौन सी बातें बुरी हैं । जिससे बच्चे अपने आसपास होने वाले अच्छी बुरी दोनों ही बातों को आपसे शेयर करेंगे आपको बता पाएंगे । क्योंकि आजकल बच्चों के सिक्योरिटी से जुड़ी इन खास बातों को ध्यान रखना पड़ता है । कि बच्चे कहां जा रहे हैं क्या कर रहे हैं उनसे मिलने वाले लोग कैसे हैं । 
 
उनके साथ उनका व्यवहार कैसा है इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। आप बच्चों को सवाल पूछ कर या उन्हें सही गलत का फर्क समझा कर बताएं । जिससे कि जब भी उनके साथ कुछ अच्छा या गलत होगा तो आपसे आकर कहेंगे जिससे आप उनका भविष्य बेहतर कर पाएंगे ।

बच्चों को किताबों से दोस्ती करना सिखाएं :-


आजकल बच्चे किताबों से ज्यादा स्मार्टफोन से दोस्ती करने में व्यस्त हैं । उन्हें स्मार्टफोन ही सबसे ज्यादा पसंद आ रहा है जिससे वह किताबों से दूर भाग रहे हैं । किताबें हमारा सबसे अच्छा मित्र होता है  जिससे हम ज्ञान प्राप्त करते हैं और जिंदगी में आगे बढ़ते हैं । यह बातें बच्चों को समझाएं ।बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखें । किताबें पढ़ने से दिमाग तेज होता है याददाश्त तेज होती है। 
 
बच्चों के सामने कभी भी  स्मार्टफोन का इस्तेमाल ना करें । क्योंकि बच्चे वही करते हैं जो हम करते हैं । इसलिए कोशिश करें कि बच्चों के सामने स्मार्टफोन का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा ना करें । बच्चों के सामने किताबों के साथ समय बिताएं किताबें पढ़ें । और उन्हें भी पढ़ने को कहें । जिससे बच्चे पढ़ाई लिखाई में अच्छे होंगे और उन्हें किसी एक्स्ट्रा कोचिंग क्लास करने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।  
 
माता-पिता कोशिश करें कि बच्चों के साथ बैठकर उन्हें किताबें पढ़ाए उनके किताबों के सवालों का जवाब उन्हें दें । जिससे उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके ।


बच्चों के डाइट का ख्याल रखें :-


कहते हैं कि जैसा खाए अन वैशा होवे मन । अगर हम अच्छा भोजन करेंगे तो हमारा शरीर भी अच्छा होगा । हमारा मन भी अच्छा होगा । हमारा शरीर और मन सही प्रकार के भोजन करने से स्वस्थ रहता है । अगर हम गलत प्रकार का भोजन करेंगे तो हमारा शरीर और मन रोगों से ग्रस्त हो जाएगा । इसलिए हमें सही चीजें खानी चाहिए और बच्चों को भी सही चीजें खाने को देनी चाहिए । 
 
इसके लिए जरूरी है कि हम बच्चों के सामने गलत चीजों का सेवन ना करें । क्योंकि बच्चे भी वही खाते हैं जो हम खाते हैं । अगर आप उनके सामने जंक फूड या तेल मसालों से युक्त भोजन करेंगे तो बच्चे भी वही खाएंगे  वही पसंद करेंगे । इसलिए बच्चों के साथ आप अच्छे से व्यवहार रखें उन्हें सही चीजें खाने को दें । विटामिन युक्त जिससे कि उनका दिमाग तेज हो सके ।

बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें : - 


आजकल बच्चे इतने ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं कि वह छोटी-छोटी बातों को हम से छुपाने लगे हैं वह हमें नहीं बताते हैं इसका कारण हमारा व्यवहार होता है । बच्चे मन के सच्चे होते हैं उन्हें गुस्से वाले या मारने पीटने वाले लोग पसंद नहीं आते हैं । बच्चों को बच्चे ही पसंद आते हैं । इसलिए आप उनके सामने बच्चों जैसा ही व्यवहार रखें उनके साथ दोस्ताना व्यवहार रखें । 
 
उन्हें सही और गलत चीजों के बारे में बताएं उन्हें समझाएं कि उनके साथ जब भी कुछ गलत हो तो वह आकर आपसे बताएं । आप उन्हें बिल्कुल भी नहीं डाटेंगे या मारेंगे । क्योंकि कुछ बच्चे अपने माता पिता से डरते हैं । अपने साथ हो रहे गलत व्यवहार के बारे में वह अपने माता-पिता से नहीं बता पाते हैं । 
 
क्योंकि उनको डर लगता है कि माता पिता उन्हें ही गलत समझेंगे और उनकी पिटाई कर देंगे । इसलिए यह बातें उन्हें सिखाएं । जिससे कि वह अपने आसपास होने वाली सभी चीजों को आपसे शेयर करेंगे । जिससे आप को बच्चों का भविष्य बेहतर करने में मदद मिलेगी ।

परिवार की लड़ाई झगड़े से बच्चों को दूर रखें :-


आजकल हर मिडिल क्लास फैमिली में या छोटे फैमिली में जहां छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़े होती रहती है।  वहां पर बच्चों के दिमाग पर बहुत गहरा असर पड़ता है । क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता से परिवार से बहुत कुछ सीखते हैं । यह जरूरी नहीं कि हम जो बातें उन्हें कहेंगे वही सीखेंगे बहुत बार बच्चे बड़ों के व्यवहार से सीख लेते हैं । इसलिए बच्चों के सामने लड़ाई झगड़े का माहौल बिल्कुल भी ना होने दें । 
 
उन्हें लड़ाई झगड़े के माहौल से दूर रखें । हो सकता है पति पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर कहासुनी हो जाते हो लड़ाई झगड़े होते हैं । लेकिन यह सभी बातें घर के एक बंद कमरे में होनी चाहिए । बच्चों के सामने नहीं करनी चाहिए । इससे बच्चों के दिमाग पर गलत असर पड़ता है । यहां तक कि परिवार में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिससे बच्चे गलत सीख ले लेते हैं । 
 
क्योंकि परिवार के सभी सदस्य आपस में मिलनसार हो ऐसा कोई जरूरी नहीं  । कई बार जॉइंट फैमिली में भी माता-पिता अगर अच्छी हो तो परिवार के बाकी कुछ सदस्यों में कुछ लोगों का व्यवहार अच्छा नहीं होता है । खासकर अगर वह फैमिली के बड़े मेंबर हो तो बच्चे उनसे भी सीखते हैं । इसलिए माता-पिता को ध्यान देना चाहिए कि बच्चों का माहौल बेहतर हो वह सही चीजें सीखे । इसके लिए परिवार के सभी सदस्य को मिलजुल कर बच्चों को पढ़ाना चाहिए उन्हें अच्छी बातें सिखाना चाहिए । 

एक खास बात - पैसों की कमी को दूर करें :-


बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए आपके जेब में पैसा होना बहुत जरूरी है क्योंकि । अगर आपके परिवार में पैसों की कमी है पैसों को लेकर घर में आए दिन झगड़े होते रहते हैं । घर की छोटी छोटी चीजों को पूरा करने के लिए सबकी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगर आपके पास पैसा नहीं है । तो घर के सभी सदस्यों का मन अशांत रहता है । 
 
सभी लोग आपस में छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ते झगड़ते रहते हैं । इससे सबसे ज्यादा बुरा असर बच्चों पर पड़ता है । इसलिए आपकी जेब में पैसा हर हाल में होना चाहिए अगर आप हस्बैंड-वाइफ है । तो आपको चाहिए कि पति पत्नी दोनों मिल कर पैसे कमाए । अपने बच्चों के प्रति सभी जिम्मेदारी को पूरा करें । अपने घर के माहौल को अच्छा बनाएं । 
 
क्योंकि आजकल एक बिजनेस पर या जॉब पर डिपेंड रहना बहुत ही मुश्किल होते जा रहा है । अगर आप जॉब करते हैं और अचानक से आपकी जॉब चली जाए तो पैसों को लेकर बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है । इसलिए आपको बिजनेस करने चाहिए । बिजनेस अगर आप कर रहे हैं 
 
अगर आपका एक बिजनेस है तो दो-तीन बिजनेस जरूर करनी चाहिए । क्योंकि पैसा चारों ओर से आना बहुत जरूरी होता है । अगर एक ओर से बिजनेस बंद हो जाए तो दूसरी तरफ से पैसा आते रहना चाहिए । जिससे पैसों से जुड़ी कभी कोई कमी ना हो हमें किसी समस्या का सामना न करना पड़े ।

2. स्कूल


स्कूल :  बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए एक अच्छा स्कूल होना बहुत जरूरी होता है । क्योंकि अगर आपके बच्चे एक अच्छे स्कूल में पढेगे तो अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे । लेकिन आजकल कुछ ऐसे स्कूल खुल चुके हैं जो बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा पैसों को महत्व देते हैं । इसलिए बच्चों का एडमिशन जिस भी स्कूल में कराए उस स्कूल के टीचर्स का व्यवहार जानने के बाद ही कराएं । 
 
क्योंकि अगर आपका बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़ रहा है और वह पढ़ाई लिखाई में कमजोर है रिजल्ट्स में अच्छे मार्क्स नहीं लाता रहा है तो इसकी जिम्मेदारी माता पिता के साथ साथ स्कूल के टीचर्स की भी होती है । क्योंकि बच्चे नासमझ होते हैं नादान होते हैं उन्हें दुनियादारी का ज्ञान नहीं होता है । बच्चों के लिए पढ़ाई लिखाई कितनी ज्यादा जरूरी है यह माता-पिता और स्कूल के टीचर्स समझते हैं । 
 
टीचर्स जानते हैं कौन से बच्चे पढ़ाई में कितने तेज है कौन से पढ़ाई में धीमे हैं । टीचर्स को अच्छे से पता होता है । क्योंकि आजकल बच्चे स्कूल कॉलेज में पढ़ने के बाद भी अलग से कोचिंग क्लास करते हैं । तब जाकर उनके अच्छे मार्क्स आते हैं । पहले के समय में ज्यादातर कोचिंग क्लासेस नहीं हुआ करते थे । पहले लोग जिस भी स्कूल में पढ़ते थे और स्कूल से पढ़ने के बाद घर पर पढ़ाई करते थे तो उनके अच्छे मार्क्स आते थे । उनके व्यवहार भी अच्छे होते थे । 
 
क्योंकि पहले अच्छी शिक्षा को महत्त्व दिया जाता था पहले कोई प्राइवेट स्कूल या कॉलेज या कोचिंग क्लासेस नहीं हुआ करते थे । फिर भी लोग अच्छे से पढ़ाई करते थे अच्छे मार्क्स आते थे । लेकिन अब समय बदल चुका है । आज अच्छे प्राइवेट कॉलेज खुल चुके हैं हाई क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए स्कूल, कोचिंग क्लासेस खुल चुके हैं लेकिन फिर भी सभी बच्चे अच्छे मार्क्स नहीं ला पाते हैं । 
 
वजह कोई भी हो लेकिन हर माता पिता को अपने बच्चों के स्कूल को चुनते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि स्कूल के टीचर्स का व्यवहार बच्चों के प्रति अच्छा हो वह बच्चों के पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देते हो । तभी बच्चों का एडमिशन कराए । एक बात ध्यान रखें बच्चों के एजुकेशन में टीचर्स का सबसे बड़ा योगदान होता है। अगर टीचर्स बच्चों को ध्यान देकर पढ़ाएंगे उनके कमी को दूर करेंगे तो बच्चे पढ़ाई लिखाई में तेज होंगे उनके मार्क्स अच्छे से आएंगे । 
 

3. समाज

 

समाज : परिवार और स्कूल के बाद बच्चों का भविष्य एक अच्छा समाज तय करता है । क्योंकि बच्चे परिवार से पहला ज्ञान प्राप्त करते हैं ।  उसके बाद दूसरा ज्ञान स्कूल से प्राप्त करते हैं फिर तीसरा ज्ञान समाज में रहकर उनके बीच प्राप्त करते हैं । अगर आप जिस भी समाज में रह रहे हो अगर वहां के लोग अच्छे हैं वहां के बच्चे संस्कारी हैं तो आपके बच्चे भी संस्कारी बनेंगे पढ़ाई लिखाई को महत्व देंगे । जिंदगी में आगे बढ़ेंगे । 
 
लेकिन परिवार और स्कूल अच्छा होने के बाद समाज का माहौल अच्छा नहीं है तो बच्चे पढ़ाई लिखाई में थोड़े कमजोर हो जाएंगे । क्योंकि सारी जिंदगी बच्चों को बड़े होने तक समाज के बीच ही रहना है । इसलिए बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए पढ़ाई के प्रति उनका दिमाग तेज करने के लिए उन्हें अच्छे माहौल देना हर माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। 
 
इसलिए आप जिस भी समाज में रहते हैं उस समाज के लोगों का व्यवहार कैसा है माता पिता को पता होना चाहिए  अगर अच्छा है तो ठीक है । अगर समाज का व्यवहार या माहौल अच्छा नहीं है तो माता-पिता को चाहिए कि अपने बच्चों को किसी दूसरी जगह । जहां समाज का माहौल अच्छा हो वहां बच्चों को लेकर जाए । वहीं पर पढ़ाई लिखाई कराएं क्योंकि बच्चों का बचपन से लेकर बड़े होने तक भविष्य परिवार, स्कूल, और समाज तीनों ही तय करता है । इन तीनों चीजों में एक भी पार्ट गलत हो गया तो भविष्य खराब हो सकता है ।

Conclusion :- Padhai Me Baccho Ka Dimag Tej Kaise Kare


तो हमें उम्मीद है आपको यह जानकारी Padhai Me Baccho Ka Dimag Tej Kaise Kare अच्छी लगी होगी आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों में रिश्तेदारों में जरूर शेयर करें ताकि उनकी जिंदगी में भी बच्चों से जुड़ी कोई भी समस्या हो वह दूर हो सके । इसके अलावा जिंदगी से जुड़ा और कोई सवाल आपके मन में हो तो आप हमें जरूर कमेंट करें । ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद ।
RK

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