परिवार का मुखिया कैसा होना चाहिए ? - जानिये 7 गुण जो परिवार के मुखिया में होने चाहिए - Pariwar Ka Mukhiya Kaisa Hona Chahiye

परिवार का मुखिया कैसा होना चाहिए ? - जानिये 7 गुण जो परिवार के मुखिया में होने चाहिए - Pariwar Ka Mukhiya Kaisa Hona Chahiye

 

परिवार का मुखिया कैसा होना चाहिए ? - घर का मुखिया कैसा होना चाहिए - Ghar - Pariwar Ka Mukhiya Kaisa Hona Chahiye

परिवार का मुखिया कैसा होना चाहिए - Parivar Ka Mukhiya Kaun Hota Hai

Relationship Tips : परिवार के मुखिया का सोच विचार बहुत ही उच्च कोटि का होना चाहिए जिसमें वह परिवार के सभी सदस्य को जोड़ कर रख सकता हो । परिवार का मुखिया जो होता है वह बहुत ही धैर्यवान होता है न्याय पूर्ण व्यवहार करता है । सबकी पसंद और भावनाओं को समझने वाला होता है । इसके अलावा वह सभी के भले के लिए जो कोई भी कार्य करता है जिससे सबका आगे चलकर अच्छा हो । वह कोई भी ऐसा कार्य नहीं करता जिससे परिवार में कभी भी तनाव आए । 

परिवार का मुखिया बहुत ही बुद्धिमान गुणवान और शांति प्रिय और धैर्यवान होता है। अगर आप अपने परिवार में एक अच्छे मुखिया बनना चाहते हैं अपने परिवार के हर सदस्य को जोड़ कर रखना चाहते हैं । तो आज हम आपको परिवार के मुखिया के कुछ विशेष गुणों के बारे में बताएंगे । जिस को अपनाकर आप अपने परिवार के एक अच्छे मुखिया बन सकेंगे  । तो आइए जानते हैं एक अच्छे मुखिया में कौन-कौन से गुण होने चाहिए।

 

परिवार का मुखिया कैसा होना चाहिए ? - घर का मुखिया कैसा होना चाहिए - Ghar - Pariwar Ka Mukhiya Kaisa Hona Chahiye


दूरदृष्टि रखने वाला होना चाहिए:-


परिवार का एक अच्छा मुखिया बहुत ही सोच विचार कर कोई भी कार्य करता है वह अपने परिवार के लिए जो कोई भी कार्य करता है उसको भविष्य में होने वाली अच्छे व बुरे समय को देखकर ही करता है । वह ऐसा कार्य करता है जिससे परिवार के सभी सदस्यों का भविष्य में अच्छा होता है और उनके जिंदगी में खुशहाली आती है। 
 
कई बार ऐसा होता है परिवार का मुखिया कोई अच्छा कार्य कर रहा होता है जिसका रिजल्ट भविष्य में मिलने वाला होता है । लेकिन घर के बाकी छोटे सदस्य को उस बात को न समझ पाने की वजह से परिवार के मुखिया को थोड़े बहुत उस छोटे सदस्य के व्यवहार में बदलाव देखने को मिले । लेकिन परिवार के मुखिया को उस बदलते व्यवहार को अच्छे से हैंडल करना चाहिए। 
 
क्योंकि कई बार ऐसा होता है जब हम कोई अच्छे कार्य कर रहे होते हैं जिसका रिजल्ट बहुत ही अच्छा होता है जो कि भविष्य में कुछ समय बाद मिलने वाला होता है । वह अच्छा कार्य घर के कुछ सदस्य को उस समय ठीक ना लगे जिस समय हम कर रहे होते हैं लेकिन बाद में उसका जब अच्छा रिजल्ट आता है तो घर के सभी जो सदस्य हैं । 
 
उस बात को समझ लेते हैं हो सकता है शुरुआत में ना समझे लेकिन बाद में रिजल्ट के आने के बाद समझ जाते हैं । क्योंकि दूर दृष्टि यानी दूर के भविष्य में होने वाले अच्छे बुरे स्थिति को समझने के लिए जो सोच विचार की जरूरत होती है वह दूरदष्टि एक तजुर्बे दार मुखिया में ही होती है ना की किसी नए नौजवान में । बुद्धि जो होती है इंसान में वह समय के साथ विकसित होती है जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे तजुर्बा बढ़ता है और लोगों का सोच विचार अच्छा होने लगता है।

धैर्यवान होना चाहिए:-


परिवार के मुखिया को हमेशा धैर्यवान होना चाहिए क्योंकि परिवार में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते हैं बहुत अच्छे बुरे समय आते हैं । बुरे समय में परिवार को एकजुट बांध कर रखना परिवार के मुखिया का गुण होता है । कई बार ऐसा होता है कि बुरे समय में परिवार के सदस्य घबरा जाते हैं मुश्किलों से वह घिर जाते हैं और अपना धैर्य खो देते हैं । ऐसे में परिवार के मुखिया को चाहिए कि वह धैर्यवान हो और बुरे से बुरे समय में भी अपने परिवार को टूटने ना दें । उन्हें संभाल के रखे 
 
क्योंकि अच्छा समय और बुरा समय हमेशा नहीं रहता बदलते रहता है । जिंदगी में अच्छा वह बुरा समय साइकिल के पहिए के समान होता है समय जब अच्छा होता है तो सब कुछ अच्छा होता है जब बुरा होता है तो कुछ बुरा होने लगता है लेकिन हमेशा के लिए बुरा नहीं होता है । अच्छे-बुरे जिंदगी का हिस्सा होता है इसलिए इंसान को धैर्यवान होना चाहिए 
 
धैर्य से ही हर परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाया जा सकता है । इसलिए परिवार के मुखिया को चाहिए कि वह धैर्यवान हो वह किसी भी स्थिति में अपना धैर्य ना खोये और परिवार के सभी सदस्य को एकजुट करके रखें और बुरा समय आने पर परिवार के सभी सदस्य में हिम्मत जगाए और उनका साथ दें।
 
 

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न्यायपूर्ण व्यवहार करना चाहिए:-


परिवार का जो मुखिया होता है उसे एक न्यायाधीश की तरह होना चाहिए परिवार में कोई भी विवाद हो तो उसे न्याय पूर्ण व्यवहार व कार्य करना चाहिए। हो सकता है परिवार में किसी सदस्य से कोई गलती हो गई हो तो उसे सबके सामने ना समझाए । बल्कि एकांत में समझाएं सबके सामने समझाने से उस व्यक्ति में हीन भावना आने लगती है । वह अपने आप को छोटा समझने लगता है 
 
इसलिए परिवार का मुखिया जो होता है वह किसी को समझाना हो तो वह एक अच्छे तरीके से समझाता है किसी की भी गलती हो उसे समझाने के लिए वह एकांत का समय चुनता है । एकांत में ही किसी को समझाना चाहिए वह शांतिपूर्ण तरीके से । ना कि क्रोध में आकर के । परिवार का मुखिया कभी भी क्रोध नहीं करता है क्योंकि वह जानता है क्रोध में अच्छा काम भी बिगड़ जाता है इसलिए परिवार के मुखिया को हमेशा शांति से किसी भी मसले का समाधान करने की कोशिश करना चाहिए। 

सबकी भावनाओं को समझने वाला होना चाहिए:-


परिवार का मुखिया सबकी भावनाओं का ख्याल रखता है सबकी सोच विचार का बहुत ही अच्छी तरीके से ख्याल रखता है वह जानता है किस को क्या पसंद है । किस में क्या गुण हैं कौन सा व्यक्ति किस कार्य को अच्छे से कर सकता है । इसलिए परिवार का मुखिया किसी को भी कोई भी कार्य करने को कहता है । तो वह जानता है कि वह उस कार्य के योग्य है वह हमेशा उस व्यक्ति को ही कोई भी कार्य करने को देता है जो व्यक्ति उस कार्य में निपुण होता है। परिवार में बहुत सारे सदस्य होते हैं 
 
कोई जरूरी नहीं कि सबकी सोच एक हो जैसे हाथ में पांच उंगलियां होती हैं लेकिन सभी उंगलियों में अंतर होता है कोई छोटी कोई बड़ी कोई माध्यम अलग-अलग प्रकार में उंगलियां होती हैं लेकिन पांच उंगली एक साथ ही रहती है हाथ उन पांच उंगलियों को एक साथ रखता है । वैसे ही परिवार का मुखिया होता है वह जानता है कि सबकी सोच विचार में अंतर होता है वह सबके सोच विचार को एक नहीं कर सकता । लेकिन सबको अच्छे से एक साथ जोड़ करके चल सकता है यह परिवार के मुखिया की विशेष गुण होती है इसलिए परिवार के मुखिया को चाहिए कि वह सब को एक साथ लेकर के चले। सबकी भावनाओं का ख्याल रखें।
 
 
परिवार का मुखिया कैसा होना चाहिए ? - घर का मुखिया कैसा होना चाहिए - Ghar - Pariwar Ka Mukhiya Kaisa Hona Chahiye


विचार विमर्श करना चाहिए:-


परिवार के मुखिया को हमेशा सब के विचारों का ख्याल रखना चाहिए कौन क्या सोचता है क्या नहीं सोचते हैं इस बात पर ध्यान देना चाहिए । परिवार के मुखिया को चाहिए कि वह समय समय पर परिवार के सदस्य को जिस ज्ञान की जरूरत हो वह उन्हें दे । समय आने पर हर एक सदस्य को किसी भी परिस्थिति में से निकलने के लिए जिस साथी की जरूरत होती है या ज्ञान की जरूरत होती है वह मुखिया को देना चाहिए । 
 
एक अच्छा मुखिया वही होता है जो परिवार के सभी सदस्यों को हर अच्छे बुरे समय पर विचार विमर्श करता है उन्हें समझाता है । उनके साथ बैठकर बात विचार करता है उन्हें अच्छे कार्य करने की सलाह देता है उनके बुरे समय से निकलने की परामर्श देता है । और उनके धैर्य को बनाए रखता है यह एक अच्छे मुखिया की गुण होती है इसलिए आपको चाहिए कि परिवार के सभी सदस्य को समय-समय पर अगर कोई भी विचार विमर्श करने की जरूरत हो तो उन्हें समझाना चाहिए । उनसे बात करना चाहिए जिससे उनके गुणों में वृद्धि हो और वह अपनी जिंदगी में तरक्की कर सके।

कभी तानाशाही नहीं होना चाहिए:-


एक परिवार का मुखिया वह होता है जो अपने विचारों को अच्छे से सब को समझाता है ना की किसी पर थोपने की कोशिश करता है । परिवार के मुखिया को कभी भी तानाशाही नहीं होना चाहिए जबरदस्ती किसी पर अपने विचार को थोपने नहीं चाहिए । किसी को कोई कार्य करने को नहीं बोलना चाहिए 
 
क्योंकि परिवार का मुखिया यदि घर के छोटे वाले किसी सदस्य पर अपने विचार बिना उनकी इच्छा अनुसार जबरदस्ती थोपने की कोशिश करेगा । तो परिवार में कलह पैदा हो सकता है । सभी सदस्य एक दूसरे से दूरी बनाए रखने लगते हैं और परिवार में अलगाव होने लगता है । इसलिए परिवार के मुखिया को कभी तानाशाही नहीं होना चाहिए बल्कि जो कोई भी कार्य करना हो या समझाना हो मीठे बोल से अच्छे विचार से न्याय पूर्ण व्यवहार से करना चाहिए । 
 
प्रेम से ही सब को एक साथ लेकर के चलना चाहिए । अगर किसी का को किसी कार्य में मन नहीं लगता है तो जबरदस्ती उस कार्य को करने के लिए उससे नहीं कहना चाहिए बल्कि उसे जो पसंद है उसे करने देना चाहिए हां अगर घर का कोई छोटा सदस्य कोई ऐसा कार्य कर रहे हो जिससे भविष्य में कुछ गलत होने की संभावना हो तो उसे जरूर समझाना चाहिए । 
 
एकांत में समझाना चाहिए वह भी मीठे बोल से अच्छे से प्यार से समझाना चाहिए ना कि क्रोध करके समझाना चाहिए । क्रोध से कोई भी कार्य नहीं होता है लेकिन अच्छे से मीठी बातें करने से किसी को भी समझाया जा सकता है क्रोध को शांति से जीता जा सकता है इसलिए परिवार के मुखिया को चाहिए कि वह कोई भी कार्य करें शांति से करें और प्यार से करें । किसी को समझाना भी हो तो प्यार से समझाएं ना कि क्रोध करें।

एक अन्य जरूरी बात जो मुखिया को जानना चाहिए :-

 
परिवार का जो मुखिया होता है घर में अगर किसी की शादी की समय हो गई हो तो वह समय पर उसकी शादी कर देना चाहता है । यह बहुत सारे मध्यम परिवार में देखा गया है कि बच्चे अगर बड़े हो जाते हैं । मान लीजिए कि अगर कोई लड़की है उसकी उम्र 20 25 हो गई हो तो माता-पिता को चिंता होने लगती है कि लड़की की शादी की 

ऐसे में वह अपनी लड़की की शादी जल्द से जल्द कर देना चाहते हैं जिस से क्या होता है कि अगर लड़की में आत्म निर्भरता की कमी होती है तो वह खुद से कोई डिसीजन नहीं ले पाती है । और अपने नए परिवार में जाकर कि वह एडजस्ट नहीं हो पाती है । जिससे मायके और ससुराल में मनमुटाव होने लगता है इसलिए माता-पिता को चाहिए कि जब लड़की की शादी करनी हो तो अपनी बेटी को पहले आत्मनिर्भर बनाए 
 
आत्मनिर्भर का हमारा मतलब यह है कि केवल पढ़ाई लिखाई करना नहीं होता है बल्कि लड़की को कोई गुर सिखाना चाहिए जिससे वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके । अगर भविष्य में जरूरत पड़े कोई कार्य करना हो तो वह खुद से कर सके । यह बहुत जरूरी होता है कि लड़की हो या लड़का हो उसको पहले अपने पैरों पर खड़ा होने देना चाहिए । उसके बाद ही शादी करना चाहिए अक्सर ऐसा देखा गया है कि माता पिता जो भी है वह अपने लड़के के बड़े हो जाने पर पढ़ाई पूरी हो जाने पर शादी कराने की बारे में सोचते हैं । 
 
अगर लड़के की आर्थिक स्थिति सही नहीं है हमारा मतलब यह है कि अगर वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं है वह अच्छा न कमाता हो तो पहले चाहिए कि उसे अपने पैरों पर खड़ा होने देना चाहिए । जिससे वह अपने परिवार में आने वाली सभी चीजों को बेहतर से कर सके ना कि उसकी जल्दी शादी करा देनी चाहिए । मध्यम परिवार में ऐसा देखा गया है कि जब लड़के या लड़की बड़े होने लगते हैं तो माता-पिता समय होते ही उनकी शादी करा देते हैं यह नहीं देखते कि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है या नहीं 
 
लड़का कितना कमा पाता है क्या वह अपने परिवार को । जब उसकी शादी हो जाएगी परिवार आगे बढ़ने पर परिवार का खर्च अच्छे अच्छे से चला सकता है या नहीं । क्योंकि जब परिवार बढ़ता है तो खर्च भी बढ़ते हैं ऐसे में आमदनी भी बढनी चाहिए । अगर लड़का का शादी का उम्र हो गया है और वह उसका कोई अच्छा बिजनेस नहीं है अगर अच्छा जॉब नहीं है तो ऐसे माता-पिता को चाहिए कि लड़के की शादी की फिक्र नहीं करना चाहिए 
। पहले उसको अपने फाइनेंसियल कंडीशन को ठीक करने देन चाहिए।
 
 हमारा मतलब है कि लड़का अगर कम कमाता है तो उसके पहले जॉब करना चाहिए अपनी आमदनी बढ़ाना चाहिए या फिर बिजनेस कर रहा है तो अपने बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहिए । जिससे अच्छी खासी इनकम हो सके उसके बाद ही परिवार को आगे बढ़ाना चाहिए । यानी कि लड़के की शादी करना हो तो करनी चाहिए । क्योंकि अगर लड़का अच्छा नहीं कमाता है तो परिवार में आगे चलकर बहुत सारी मुसीबत आ सकती है । पैसों को लेकर के आपसी मतभेद हो सकते हैं परिवार टूट भी सकता है ऐसा बहुत बार देखा गया है मध्यम परिवार में 
 
ऐसा अक्सर देखने को मिलता है इसलिए माता-पिता को चाहिए कि अपने बच्चों को फाइनेंसियल एजुकेशन दे कि वह अच्छे से कमाए और अपनी लाइफ अच्छे से इंजॉय कर सके । यही बात एक लड़की पर भी लागू होती है अगर लड़की की शादी करनी है तो उसने अगर पढ़ाई लिखाई पूरी कर ली है तो उसे आज के समय में जॉब करने देना चाहिए या फिर कोई कोर्स करा देना चाहिए । जिससे जरूरत पड़ने पर वह अपने लिए कुछ कर सके क्योंकि कई बार ऐसा देखा गया है ससुराल में जाकर के भी लड़की खुश नहीं रह पाती हैं। अगर लड़की के परिवार में कोई मुसीबत आ जाए । 
 
जैसे कई बार होता है ऐसा कि एक लड़की की शादी होती है । तो कुछ समय बाद किसी भी कारणवश लड़का लड़की अलग हो जाते हैं या फिर कोई अनहोनी हो जाती है । लड़की के जीवन में तो ऐसे में लड़की अकेली पड़ जाती है और वह ससुराल में भी ठीक से नहीं रह पाती है और अपने वापस मायके में भी ठीक से नहीं रह पाती है । क्योंकि माता-पिता हमेशा लड़की के साथ तो नहीं रह सकते इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वह अपनी लड़की को कुछ गुर सिखा दे । यानी कोई कोर्स करा दे । 
 
जिससे वह अपने लिए कुछ कर सके कोई जॉब कर सके या फिर कोई बिजनेस कर सके । यह बहुत जरूरी होता है एक लड़के के लिए भी और एक लड़की के लिए भी आज के समय में लड़का लड़की बराबर होते हैं । उन दोनों को फाइनेंसियल एजुकेशन देना बहुत जरूरी होता है और हर माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन द यानी की आमदनी करने के बारे में उन्हें सिखाएं उन्हें बताएं ।
 
क्योंकि आज के समय में कोई नहीं जानता कि कब किसके जिंदगी में क्या हो जाए कब कौन सी घटना हो जाए । इसलिए हर व्यक्ति को अपने पैरों पर खड़ा होने का हक है उसे अपने लिए कुछ करना चाहिए । अगर बच्चे हैं तो उन्हें जरूरी नहीं कि हर चीज की समझ हो । क्योंकि समझ जो है समय के साथ आती रहती है लेकिन माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों के भविष्य को समझते हुए उन्हें सही मार्गदर्शक करना चाहिए
 
तो हमें उम्मीद है आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी होगी । अगर आपके मन में कोई और सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद
RK

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