बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - परवरिश से जुड़ी इन 8 बातों का ध्यान रखे - Child Care Tips in Hindi

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - परवरिश से जुड़ी इन 8 बातों का ध्यान रखे - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi

 

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi

 

 

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare

ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों के परवरिश का मतलब केवल अपने बच्चों की खाने पीने, पहने या रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करना ही समझते हैं। जो कि बिल्कुल ही गलत है क्योंकि इस तरह से आप अपने व्यक्तिगत जिम्मेदारी से तो मुक्त हो जाते हैं लेकिन क्या आप अपने बच्चों को अच्छी आदतें या संस्कार दे पाते हैं । 

जिनसे वह समझदार आत्मनिर्भर , या जिम्मेदार बन सके क्योंकि अक्सर यह हर फैमिली में देखा जाता है कि वह अपने बच्चों की परवरिश को लेकर थोड़े परेशान रहते हैं कि बच्चों की परवरिश किस तरह से किया जाए कि बच्चे समझदार और संस्कारी बन सके। 


बच्चों को समझदार और संस्कारी बनाना माता-पिता की जिम्मेदारी होती है माता-पिता को चाहिए कि बच्चों की सही समय पर उनकी आदतों में सुधार एवं उनके ज्ञान में वृद्धि करें उनको सही समय पर सही बात की जानकारी दें । जिससे बच्चे समझदार हो सके आत्मनिर्भर बन सके और उनमें संस्कार हो या माता-पिता की जिम्मेदारी होती है क्योंकि बच्चे कोरे कागज होते हैं । 
 
उन्हें अच्छे बुरे का नॉलेज नहीं होता वह या तो अपने माता-पिता से सीखते हैं या फिर समाज से सीखते हैं । तो सबसे पहले बच्चों की जो समझदारी या संस्कार की बातें आती है वह माता-पिता से ही आती है । इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों को लेकर थोड़ा ध्यान दें कि बच्चों की परवरिश कैसे की जाए तो आइए जानते हैं बच्चों को समझदार और संस्कारी बनाने के लिए आपको कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।


बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi


अनुशासन में रहना सिखाएं:-

 
ऐसा देखा गया है अक्सर माता-पिता बच्चों की छोटी-छोटी गलत बातों को इग्नोर करते हैं कहते हैं कि अभी छोटा है जब बड़ा हो जाएगा तो सीख जाएगा । यह बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए बच्चों को बचपन में ही छोटे से ही नियम में रहने का सिखाना चाहिए अनुशासन में कैसे रहा जाता है । इस बात का बच्चों को ज्ञान देना चाहिए जिससे बच्चे बड़े होकर अनुशासन मैं रहने के कारण कोई गलत काम नहीं करते 
 
हर काम को सोच समझकर सही टाइम पर करते हैं । जिससे बच्चों में समझदारी की वृद्धि होती है । इसलिए बच्चों को बचपन में ही उनकी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें और उन्हें सही गलत की पहचान कराएं और बच्चों को कभी ना डांटे ना मारे बल्कि उन्हें प्यार से समझाएं । बच्चों को बड़ों से प्यार का ही उम्मीद होता है क्योंकि बच्चे मासूम होते हैं वह डांट और मार पसंद नहीं करते इसलिए बच्चों को कोई भी गलती हो जाए तो उन्हें जाते नहीं बल्कि प्यार से समझाएं
 

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi


बच्चों के साथ समय बिताएं:-


माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों के साथ समय बिताएं अक्सर ऐसा देखा जाता है कि मिडिल फैमिली में माता-पिता अपने जॉब को लेकर घर से बाहर रहते हैं ऐसे ऐसे में उनके बच्चे घर में या आसपास पड़ोसी के यहां ज्यादा समय बिताते हैं । जिससे उनमें सही से विकास नहीं हो पाता है अच्छे बुरे का समझ नहीं आ पाता है । अच्छे बुरे का समझ माता-पिता से ही मिलता है कोशिश करें कि समय निकालकर बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करें । हफ्ते में एक दिन जरूर समय निकाले जिसमें पूरा दिन बच्चों को सहयोग करें। उनसे बातचीत करें और बच्चों को अच्छी अच्छी बातें सिखाएं
 
 

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi


बच्चों का दोस्त बने:-


आज समय तेजी से बदल रहा है समाज को देखने का नजरिया भी बदल रहा है पहले का समय नहीं रहा कि माता-पिता जो अपने बच्चों से कह देते थे । बच्चे वही करते थे आज बच्चों के सोचने समझने की शक्ति बदल चुकी है आज समाज में रहन-सहन बिल्कुल ही पहले के मुकाबले बहुत ही अलग हो चुका है ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों का दोस्त बने ना कि माता पिता की भांति बच्चों को डांट लगाएं या कोई भी बात उन्हें डांट कर समझाएं । क्योंकि बच्चे ज्यादातर दोस्ती पसंद करते हैं। बच्चे वही सीखते हैं जो माता-पिता करते हैं बच्चे वह नहीं सीखते हैं जो माता-पिता कहते हैं।
 
इसलिए बच्चों का दोस्त बने इससे आपका बच्चा भी आपका दोस्त बनेगा अपने दिल की सारी बातें शेयर करेगा अक्सर बड़ी उम्र में खासकर बच्चे जब सोलह 17 साल की एज में आ जाते हैं तब बच्चे जाने अनजाने में बहुत सारी गलती कर देते हैं । और वह उस बात को अपने माता-पिता से छुपाते हैं डरते हैं कि उनके माता-पिता उन्हें डांटेगे मारेंगे पीटेगे इसलिए वह अपने से की हुई गलती को छुपाते हैं । 
 
जबकि आप बच्चों का दोस्त बनकर रहेंगे तो वह अपनी बात आपको जरूर कहेंगे क्योंकि बच्चे अपनी किसी भी गलती को अपने दोस्त से जरूर शेयर करते हैं । दोस्त उन्हें अच्छे से समझते हैं इसलिए अपने बच्चे का आप दोस्त बने जिससे आपके बच्चे ज्यादा समझदार हो सकेंगे और उनकी गलती पर आप ध्यान रख पाएंगे ।
 

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi


आत्मनिर्भर बनाएं:-


बच्चों को बचपन से ही आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करें उन्हें बचपन से ही छोटी-छोटी फैसले खुद लेने दे । जिससे बच्चे आत्मनिर्भर बनेंगे और वह अपने बुद्धि का सही विकास कर सकेंगे । क्योंकि अक्सर ऐसा देखा जाता है कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो हर बात के लिए माता-पिता से परमिशन लेते हैं वह बचपन से लेकर बड़े होने तक । 
 
यहां तक कि शादी होने के बाद भी बच्चे कहीं बाहर जाना हो या कुछ शॉपिंग करना हो तो अक्सर देखा जाता है कि कुछ बच्चे मम्मा बॉयज होते हैं जो खुद अपने पेरेंट्स से परमिशन लेते हैं कुछ भी करने के लिए जो कि वह बचपन की आदतें होती हैं इसलिए बच्चों को थोड़ा स्पेस दें वह खुद से भी फैसले ले सके। हां अगर उनके फैसले गलत होते हैं तो आप उन्हें समझाएं ना कि हर बात पर उन्हें डांटे ।

हर जिद को पूरी ना करें:-


कभी-कभी बच्चों की हर जिद को पूरी करना सही बात नहीं होती है इससे बच्चे जिद्दी बन जाते हैं । उन्हें की हर जीत को पूरी करने से बड़े होने के बाद भी जब आप उनकी जरूरत को पूरा नहीं कर पाते हैं । तो वह आपसे गुस्सा हो जाते हैं वह आपके खिलाफ हो जाते हैं इसीलिए बच्चों की हर जरूरत को पूरा नहीं करना चाहिए क्योंकि जिंदगी में अच्छा बुरा दोनों समय आता है । अगर आप आज उनकी हर जरूरत को पूरी कर देंगे और उनकी हर जरूरत पूरी होती जाएगी तो बच्चे कभी जिंदगी को बेहतर तरीके से ना समझ पाएंगे और ना ही जी पाएंगे । 
 
जिंदगी में अगर कोई मुसीबत आ जाए तो वह घबरा जाएंगे और उनकी इच्छा कोई पूरी ना हो तो वह पूरी तरीके से टूट जाएंगे । जबकि जिंदगी में सुख दुख दोनों आते रहते हैं जरूरी नहीं होती है कि हर इच्छा इंसान की पूरी हो इसलिए बच्चों को भी यह गुर सिखाए की हर इच्छा पूरी नहीं हो सकती कुछ इच्छाओं को हमें त्यागना पड़ता है । 
 
कुछ पूरी होती है और कुछ को हमें अपने से ही मेहनत करके पूरा करना पड़ता है ना कि दूसरों पर डिपेंड रहना चाहिए यह बात बच्चों को जरूर सिखाएं ना कि उनकी हर जरूरत को पूरा करें । क्योंकि हर जरूरत को पूरा कर देने से अक्सर बच्चे बड़े होने के बाद जिंदगी की राह में जब मुसीबत आती है और उनकी इच्छाएं पूरी नहीं होती है तो वह भटक जाते हैं । और गलत रास्ता चुन लेते हैं जिसे बाद में माता-पिता को बहुत पछतावा होता है।
 
 

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi


गलत बातों पर ध्यान दें:-


बच्चों की हर बात को गौर से सुने वह किन बातों का मतलब सही निकाल रहे हैं किन बातों बातों का मतलब गलत निकाल रहे हैं इस बात पर माता-पिता को जरूर ध्यान देना चाहिए । क्योंकि बच्चे बचपन में माता-पिता से समाज से स्कूल से सीखते हैं जो संस्कार सीखते हैं वही बड़े होकर उसी संस्कार को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाते हैं । और जिंदगी में आगे बढ़ते हैं 
 
अगर बचपन में वह किसी बात को ठीक से ना समझे हो तो बड़े होने के बाद लाजमी है कि वह गलती करेंगे ही । इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों की हर हरकत पर ध्यान रखें उनकी बातों पर ध्यान दें अगर वह कोई गलती करें तो उन्हें बिल्कुल भी ना डांटे ना मारे बल्कि उन्हें प्यार से समझाएं 
 
और साथ ही  बच्चों को समय समय पर जरूर समझाएं । क्योंकि आजकल बच्चे जब युवा हो रहे हैं बड़े हो रहे हैं तो अक्सर 16 से 17 साल की उम्र के बीच बहुत सारी गलती कर रहे हैं । जिसका मुख्य कारण माता-पिता ही होते हैं वह अपने बच्चों की हरकत पर ध्यान नहीं देते हैं । जिससे उनके बच्चे थोड़े भटक जाते हैं और गलत रास्ता अपना लेते हैं या कोई गलती कर बैठे हैं । 
 
जिससे माता-पिता और बच्चों दोनों को बाद में तकलीफ होती है इसलिए माता-पिता को चाहिए कि आजकल बच्चों पर जरूर ध्यान रखें । खासकर आजकल स्मार्टफोन का जमाना आ गया है बच्चे सबसे ज्यादा स्मार्ट फोन पर समय बिताते हैं । ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह जरूर ध्यान दें कि उनके बच्चे स्मार्टफोन में क्या समय बिता रहे हैं । स्मार्टफोन पर कौन सा काम कर रहे हैं 
 
आजकल स्मार्टफोन पर ऑनलाइन पढ़ाई होती है पढ़ाई के अलावा भी स्मार्टफोन पर इंटरनेट के माध्यम से बहुत देखे और सीखें जा सकते हैं जिनमें अच्छी बुरी दोनों ही चीजें होती हैं । इस बात पर माता-पिता को जरूर ध्यान देना चाहिए इसके अलावा बच्चों के दोस्त कैसे हैं इस बात पर भी माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए अगर बच्चों के दोस्त सही रहेंगे तो बच्चे सही दिशा में आगे जाएंगे । अगर बच्चों के दोस्त गलत बनते हैं तो बच्चे गलत दिशा में जाएंगे इस बात का माता-पिता को जरूर ध्यान रखना चाहिए ।

अपनी इच्छाएं बच्चों पर ना थोपे:-


अक्सर ऐसा देखा क्या है कुछ फैमिली में माता-पिता ऐसे होते हैं जो अपनी इच्छाओं को अपने बच्चों पर थोपने लगते हैं । जिससे उनके बच्चे तनाव में आ जाते हैं और उनका सही से विकास नहीं हो पाता है । माता-पिता को चाहिए कि वह कभी भी अपनी इच्छाएं अपने बच्चों पर ना थोपे। खासकर बच्चों की लाइफ से जुड़ी जैसे बच्चे बड़े होकर क्या बनेंगे उन्हें क्या बनना पसंद है । इस पर माता पिता अक्सर गलती कर बैठते हैं वह अपने बच्चों को थोपने लगते हैं कि उनका बेटा डॉक्टर बने इंजीनियर बने । ऐसे कुछ विचार अपने बच्चों पर माता-पिता थोपने लगते हैं जो कि वह समाज में दूसरे बच्चों को देखकर सीखते हैं । 
 
जबकि हर बच्चे का स्वभाव अलग-अलग होता है हर बच्चे का गुण अलग-अलग होता है । बच्चे क्या बनना चाहते हैं उनका इंटरेस्ट किस चीज में है यह बच्चों पर ही रहने दें बच्चों को जो बनना होगा बड़े होने के बाद वह बन जाएंगे । माता-पिता कभी भी अपनी इच्छाएं बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए । कई बार पढ़ाई का प्रेशर बच्चों पर इतना आ जाता है कि वह गलत रास्ता अपना लेते हैं क्योंकि माता-पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छा नंबर से पास हो टॉप करें जबकि यह जरूरी नहीं । क्योंकि हर बच्चे की गुड़ विशेषताएं अलग-अलग होती है जरूरी नहीं कि हर बच्चा टॉप करें कुछ बच्चे पढ़ने में बहुत अच्छे होते हैं कुछ कमजोर होते हैं । 
 
लेकिन बहुत सारे माता पिता अपने बच्चों से अच्छे नंबर लाने की उम्मीद रखते हैं वह समाज में दूसरे बच्चों को देखते हैं और उनसे अपने बच्चों को कंपेयर करते हैं और अपने बच्चों पर प्रेशर बनाते हैं कि वह भी अच्छा नंबर लाए । ऐसे में बच्चा तनावग्रस्त हो जाता है और वह सही नंबर नहीं ला पाता है तो कभी कभार ऐसा भी होता है कि बच्चा गलत रास्ता अपना लेता है जो कि बिल्कुल ही गलत है । इसके जिम्मेदार माता-पिता होते हैं इसलिए माता-पिता को स्वाभाविक रूप से अपने बच्चों को बड़ा होने देना चाहिए । जैसे उनकी पढ़ाई होगी वह अपनी पढ़ाई अनुसार अपनी इच्छा अनुसार अपना विकास खुद कर लेंगे और जो उन्हें बनना है वह बन जाएंगे।
 
 

बच्चों की परवरिश कैसे करें ? - Bachon Ki Parwarish Kaise Kare - Child Care Tips in Hindi


बच्चों के सामने अशब्द न बोले:-


बच्चों का मन बहुत कोमल होता है वह साफ दिल के होते हैं अक्सर बच्चे वही सीखते हैं जो माता-पिता करते हैं वह वह नहीं सीखते जो माता-पित कहते हैं । इसलिए बच्चों के सामने हमेशा सही शब्दों का प्रयोग करें उनके सामने गलत शब्द का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें । खासकर अगर माता पिता आपस में किसी बात को लेकर बहस कर रहे हैं तो कोशिश करें कि बच्चों के सामने बिल्कुल भी बहस ना करें । इससे बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है और वह गलत शब्द सीख लेते हैं इसलिए माता-पिता को चाहिए कि बच्चों के सामने हमेशा अच्छा व्यवहार करें 
 
और बच्चों को आपक् कहकर पुकारे । आप कहने से बच्चों में सही विकास होता है वह बड़ों को भी आप  कहकर ही पुकारते हैं और इससे वह संस्कारी बनते हैं और बच्चों के सामने गुस्सा तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए । बच्चा किसी का भी हो किसी भी उम्र का हो बच्चों के सामने हमेशा बड़ों को विनम्र होकर ही रहना चाहिए और अच्छे से पेश आना चाहिए और मीठी मीठी बातें करना चाहिए । कभी भी गुस्से में बातें नहीं करनी चाहिए जैसा आप करेंगे बच्चे  वैसा ही सीखेंगे । अगर आपका व्यवहार मीठा है अच्छा है तो बच्चों का भी व्यवहार मीठा और अच्छा होगा।
 

Conclusion :- Bachon Ki Parwarish Kaise Kare


तो हमें उम्मीद है आपको हमारी यह जानकारी Bachon Ki Parwarish Kaise Kare अच्छी लगी होगी । अगर आपके मन में कोई और सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद
RK

Post a Comment

Please do not enter any Spam link in the Comment Box...

Previous Post Next Post